गुरुवार, 21 मार्च 2013

साक्षरता अभियान.



बघेली कविता.
साक्षरता अभियान.

अब अनाथ कस लरिका घूमा आजु के हिन्दुस्तान मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

बड़कउना लइ बस्ता धाबा कलुआ लइ कइ पाटी.
हर-बर्दा सब ढीलि पियारे पहुँचे चुपरे माटी.
छीँदा परा बगार चरि लिहिनि रामदीन कइ गइया.
चर्बाहन क लइकइ ओरहन पहुँचे समझू भइया.

कक्षा लागइ शुख़ीराम के तरकारी दूकान मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

पका खेत काटइ बिन परि ग सरि गें बाँध-बन्धोली.
बड़ी घोड़ अस बछिया मरि गइ बिन सूजी बिन गोली.
गोरू-रकरा मरत हाँ घर मा बिन चारा बिन पानी.
चउथेपन मा गीता बांची गाँउ क अहिरिनि कानी.

आख़िर कउन फ़ायदा हइ एँह 'क' से "कमला" ग्यान मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

नये-नये लरिकउने सगला सिगरेट बीड़ी धूका.
अउर बुढ़उने खाइ कइ सुरती चारिउ कइती थूका.
आधा समय बितामा ओहीं सगला पढ़इ-पढाबइ मा.
आधा साँझि-सकारे सगळे लरिकन का गरिआबइ मा.

'र' से "रोटी" कहाँ मिलइ अब 'म' से बने "मकान" मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

लरिका सब बरबाद होइ गएँ 'फ' से "फल" अउ "फरसा" मा.
आजु पतोहिया पढ़इ चली गइ गउना केर मदरसा मा.
बाहर देत हाँ लेक्चर घर मा अँगरेजी मा गारी.
डलहौजी का मेम बनी हइ रमुआ कइ महतारी.

नशा चढा हइ गांजा साही बुडबा अउर ज़बान मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

सगला गाँउ एकट्ठा होइकइ मारइ गप्प-सड़ाका.
चाहइ भले घरे मा घुसि कइ चोरबे मारा डाका.
मोहना केर पतोह छुइ दिहिसि शुकुलाईनि क पानी.
शुकुल पड़े त एक कइ दिहिनि दाई,बिटिया,नानी.

मास्टर जी का मूड़ फूटि गा "सब जन एक समान" मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

सरकारी कागज मा होइ ग साक्षर गाँउ बरउँठा.
सब नर-नारी पढ़े-लिखे हँ तबउ लगामा अउँठा.
इ साक्षरता कुच्छू नही बस पईसा कइ बरबादी.
रोज पढ़ा परिवार नियोजन तबउ बढ़इ आबादी.

अरबन रूपिया खाइनि नेता एहीं जन-कल्याण मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

काहे पईसा खर्च करति हइ एँह सब म बेकार का.
ईया जाइ समझाबा केऊ एँह भारत सरकार का.
पहिले जतना पढ़े-लिखे हाँ ओनकर जनम बनाबा.
ओके बाद मा बाकी सब का क,खा,ग,घा सिखबाबा.

जागी देश "गगन" जब शिक्षा पहुँची घरे मकान मा.
दिदी अउ बाबू पढ़इ चलेंगे साक्षरता अभियान मा.

जय सिंह"गगन"

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