शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

आरजू.



हमसे बस दो बातें शायद उनकी भी मजबूरी है.

कहते हैं नफरत के खातिर थोडा प्यार जरूरी है.

उनकी यादें दिल में लेकर मैं जागा हूँ रातों को,

पर उनका सपना बनने की चाहत मगर अधूरी है.

"गगन"

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