गुरुवार, 7 जून 2012

प्रयास.



कोशिश कर के अपने दिल पर मुझको लिखो मिटाओ तो,

वादा है जब गाओगी मैं एक गज़ल बन जाऊँगा.

आशा.



अभी कुछ बेकरारी है जरा ये रात ढलने दो.

खुशी तो अल -शुबह सूरज लिए हांथों में आएगा.

जिंदगानी.



यही है आरजू तुमसे मेरी तनहाईयाँ दे दो.

यही तनहाईयाँ तो अब हमारी जिंदगानी हैं.

इल्जाम.



मेरी बरबादियाँ यूँ जब भी जिक्र-ए-आम होती हैं.

तेरी कातिल निगाहें बेवजह बदनाम होती है.

शर्त .



मरने के लिए शौक से तैयार है गगन.

है शर्त मगर एक कि कातिल हसीन हो.

बुधवार, 6 जून 2012

अपवाद.



बस इश्क है,जो होता है,हर मनाहियों के बाद.

हसता है जिसमें दिल भी,हर तबाहियों के बाद.

सोमवार, 4 जून 2012

दिल्लगी .




लगी जो आग चाहत की कभी मध्यम नहीं होती.

किसी के कम समझने से मुहब्बत कम नहीं होती.

गुजारिश .



 मेरे  गीतों को तूं गाने का बहाना कर दे.

ग़मों का दौर है मुस्कुराने का बहाना कर दे.

उलझ गए हैं मेरे हर्फ़ जमाने की बेवफाई में,

लबों से छू कर जरा उनको आशिकाना कर दे.

इरादा.



क्या कहें उनकी चाहत के हैं मंसूबे कैसे.

सुर्ख आँखों में कोई डूबे भी तो डूबे कैसे.

गुनाह.



वजहें भी बहुत हैं,गम-ए-दरिया अथाह है,

पर खुदकुशी तो आखिर फिर भी गुनाह है.

डर.



कहाँ है वास्ता किसको किसी सच्चाई से.

लोग तो डरने लगे हैं अपनी ही परछाई से.

कोशिश.









छलक न जाएँ कहीं अश्कों को थाम कर रखना.


बही जो आँख तो हर जख्म हरे हो जायेंगे.