*कविता *
नेता जी की रिहाई
सुबह का अखबार
एक ताज़ा समाचार,
मंत्री जी लापता,
वो थे.
उनका ड्राईवर भी साथ था,
किसी ने कहा- नक्श्लाईट
किसी ने कहा- उल्फा का हाँथ था.
कलेक्टर ने एसपी को बुलाया,समझाया
देखो-सुरक्षा के इंतजामात कड़े कर दो.
हर बाहर जाने वाले रास्ते पर,
अपने जवान खड़े कर दो.
हर गाडी की जाँच की जाए,
कोई भी संदिग्ध व्यक्ति
सीमा के बाहर ना जाने पाए,
इसी बीच न्यूज आई
हमारे संबाददाता ने,
मुख्यमंत्री से संपर्क किया है,
उन्होंने इसे कायरतापूर्ण
कार्यवाही करार दिया है.
आतंकवादियों ने इसका फायदा उठाया.
उनका बयान टीवी न्यूज में आया.
यदि कल तक
शासन ने अपना रुख नहीं मोड़ा,
हमारे तीन साथियों को नहीं छोड़ा
तो हमें उनकी जान पर फ़िदा समझो.
मंत्री जी को इस दुनिया से,
अलविदा समझो.
परन्तु अगले दिन का समाचार
देश शर्मसार
मंत्री जी अपने ग़म को सीकर,
कोई अच्छी सी शराब पीकर,
किसी तवायफ के कोठे पर सो गये थे.
और उनके जगने से पहले
तीन खूंखार आतंकवादी
रिहा हों गये थे.
* जय सिंह "गगन"*
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