गगन
गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012
भ्रम
संसद में रोटी का मुद्दा,फिर शायद गरमायेगा.
यह बजट तो इस कलंक को,अब की बार मिटाएगा.
कंकड,पत्थर रख हांडी में,माँ फिर उसे पकायेगी,
फिर से उसका भूखा बेटा,भ्रम खाकर सो जाएगा.
जय सिंह"गगन"
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