गुरुवार, 26 जनवरी 2012

अँटका हइ चूंदई म प्रान


                                बघेली कविता

बोर्ड क आबा इम्तहान मोरे दादू क.

अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.


सुरती सुपारी ससू जान बना ओनकर.

ज़ेबा देखा पॅयन क दुकान बना ओनकर.

कतनउ जो कहइ त सुनात नहीं एनके.

पान देखा मुहें म ओंबात नहीं एनके.


होठ ओठलाली कस ललान मोरे दादू क.

अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.


चर्र-चर्र राति भर फारि रहें चुटका.

सगळे खलीशा माँहि डारि रहें चुटका.

घोड़ा हाँथी गदहा क नाम लिखि डारिनि.

पेटे अउ पिठाहें म तमाम लिखि डारिनि.


बिना पढ़े होइग बिहान मोरे दादू क.

अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.


अपनेन कस टोली म डहरि रहें देखा.

जीगर हँ झंडा अस फहरि रहें देखा.

छिनइ भर देखा अउ हेराइ जाँइ पट्टई.

पढ़इ लिखइ कहइ त पराइ जाइ पट्टई.


कक्षा माही पउबे तूँ लूकान मोरे दादू क.

अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.


आसउँ त पढ़ाई म कमाल कइ आएँ.

पर्चा क सगला सवाल कइ आएँ.

उल्टा सीधा सगला घटाइ जोडि आएँ.

परचा म चुटका घलाइ छोडि आएँ.


पास नहीं फेल भर सुनान मोरे दादू क.

अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.


ओइसे क सगला बज़ार छुछुअइहीं.

पढ़इ जो कहै त बेराम होइ जइहीं.

छोटकउना सोइ ग लिबाला क ताके.

महतारी बइठी हइ लाला क ताके.


राति-राति पउबे तूँ हेरान मोरे दादू क.

अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.


एनके पढाई माही घरबउ बेचाइ ग.

आसउँ के परीक्षा माही फरमउ भराइ ग.

छोडि कइ पढ़ाई क उदार भएँ दादू.

नकल क आसउँ ठेकेदार भएँ दादू.


"गगन" हमां तबउ पछिआन मोरे दादू क.

अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.

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